17 साल पहले कार हादसे के बाद हाथ पैर ने छोड़ा काम, 3 ऑप्रेशन 9 माह बेड पर रहने के बाद, अब पैरालिंपिक में दिखाएंगी दम

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Ekta Bhyan Paralympic story : पैरा एथलीट एकता भ्याण का पैरालिंपिक का टिकट पक्का होने का सफर संघर्ष से भरा है। 17 साल पहले हुए हादसे के बाद पैरालाइज हो गया। हाथ-पांव ने साथ देना छोड़ दिया।
9 महीने अस्पताल में बिस्तर पर रहना पड़ा। 3 ऑपरेशन हुए। डॉक्टर बनने का सपना टूट गया। मगर कामयाबी दूसरे ट्रैक पर इंतजार कर रही थी। अब 6 साल से क्लब थ्रो गेम में लोहा मनवा रही हैं।
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ekta bhyan photo
मूलरूप से जेवरा गांव की, अर्बन एस्टेट निवासी एकता भ्याण हिसार में सहायक राेजगार अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। एशिया की फर्स्ट रैंक पैरा एथलीट यूथ के बीच रोल मॉडल बनकर उभरी हैं। पैरालिंपिक के लिए रोज 8 घंटे अभ्यास करती हैं।
किस्सा हौसले का… हालात के आगे घुटने नहीं टेके, आगे बढ़ती गईं
17-18 साल पहले मेडिकल टेस्ट की तैयारी कर रही थी। इसके लिए दिल्ली जाना हाेता था। वर्ष 2003 में कार में सवार हाेकर दिल्ली काेचिंग के लिए जा रही थी। कुंडली बाॅर्डर के पास पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने कार में टक्कर मार दी।
ekta bhyan with parents
हादसे में मेरे हाथ और पैर काम करना बंद हाे गए। 9 माह तक दिल्ली के अस्पताल में भर्ती रही। इस दाैरान हाथ-पैर के 3 ऑपरेशन हुए। इसके बावजूद हिम्मत नहीं हारी।
हिसार से बीए, एमए, बीएड की पढ़ाई की। वर्ष 2011 में फूड सप्लाई ऑफिस में ऑडिटर के पद पर तैनात हाे गईं।
प्रतियाेगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। वर्ष 2013 में सहायक राेजगार अधिकारी के पद पर तैनात हुईं। यह किस्सा अखबार में पढ़कर कोच अमित सरोहा ने 2015 में मुझसे संपर्क किया। उन्होंने खेल ट्रैक पर उतरने के लिए मोटिवेट किया।
ekta bhyan
वर्ष 2016 के बाद से पैरालिंपिक में हिस्सा लेकर अंतरराष्ट्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मेडल हासिल किए। अब मेरे पिता-माता भी पैरालिंपिक में सफलता के लिए लगातार हाैसला बढ़ा रहे हैं।
पहले क्रिकेट काे अधिक तवज्जाे दी जाती थी, मगर टाेक्याे ओलिंपिक में अन्य खेलाें काे भी बढ़ावा मिला है। मीराबाई चानू और अन्य के पदक जीतने पर मेरा हाैसला बढ़ा है। रोज की मेहनत के बल पर कह सकती हूं कि पैरालिंपिक में देश की झाेली में गाेल्ड जरूरी डालूंगी। – एकता भ्याण, पैरालिंपियन
ekta bhyan
6 अंतरराष्ट्रीय और 8 राष्ट्रीय पदक जीत चुकीं
एकता भ्याण एशियन पैरागेम्स जकार्ता में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। 6 अंतरराष्ट्रीय और 8 राष्ट्रीय पदक हासिल कर देश का नाम राेशन किया है। उनका एशिया में पहला रैंक है।
पैरालिंपिक में 24 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें एथलेटिक्स की टीम में भारत की 4 महिला खिलाड़ी हिस्सा लेंगी। वह 25 अगस्त काे काेच के साथ टाेक्याे के लिए रवाना हाेगी।

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