arrested : फेल करने की धमकी देकर छात्रा पर शरीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में पुलिस ने प्रोफेसर को किया arrested

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कोटा: राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में फेल करने की धमकी देकर छात्रा पर शरीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में पुलिस ने प्रोफेसर गिरीश परमार को गिरफ्तार arrested   कर लिया. साथ ही बिचोलिया छात्र अर्पित अग्रवाल को भी पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार,

पीड़िता यूनिवर्सिटी के छात्रावास में रहती है और आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार ने यौन संबंध बनाने के बदले में उसे परीक्षा में पास करने की पेशकश उसके सहपाठी अर्पित अग्रवाल के माध्यम से की और जब छात्रा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो प्रोफेसर ने उसे अंतिम वर्ष की परीक्षा में फेल कर दिया और बाद में उस पर अपना प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए बार-बार दबाव डाला. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने अन्य छात्राओं के साथ भी इसी तरह की हरकत की, उन्हें ब्लैकमेल किया और परेशान किया.

पीड़िता की शिकायत पर दादावाड़ी पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर और बिचौलिए सहपाठी को बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. वहीं, गुरुवार को जब दोनों को अदालत में पेश किया जा रहा था तो एक वकील ने आरोपी प्रोफेसर को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया. घटना के वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कोर्ट रूप में जाने के दौरान एक वकील ने आरोपी प्रोफेसर को थप्पड़ मार दिया. हालांकि, पुलिस उसे तुरंत बाहर खींचकर कोर्ट रूम से बाहर ले गई. वकील की पहचान आतिश सक्सेना के रूप में हुई. हालांकि, डीएसपी अमर सिंह ने हमले से इनकार किया और कहा कि कुछ वकीलों ने केवल विरोध किया और आरोपियों के खिलाफ नारे लगाए.

उधर, इस मामले को लेकर RTU कैम्पस में छात्र और शिक्षक के बीच की मर्यादाएं टूट गईं. दरअसल, यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारियों में से एक ने कुलपति एसके सिंह के साथ भी मारपीट की और उन पर जूता फेंकने का प्रयास किया. विरोध करने वाले की बाद में दूसरे कॉलेज के छात्र के रूप में पहचान की गई. आरोपी के खिलाफ भी पुलिस ने केस दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है.

दादाबाड़ी थाने में मंगलवार को प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उसे आईपीसी की धारा 354 डी और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद आईटी एक्ट की धारा 67 और आईपीसी की धारा 354 (ए) और 384 की धाराएं भी मामले में जोड़ी गईं. दोनों पर एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था और जांच सिंह को सौंपी गई थी. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने धारा 164 (कबूलनामा और बयान दर्ज करना) के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया. डीएसपी ने कहा कि अन्य छात्रों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई अन्य पीड़ित तो नहीं है.

 

दादाबाड़ी थाने में मंगलवार को प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उसे आईपीसी की धारा 354 डी और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद आईटी एक्ट की धारा 67 और आईपीसी की धारा 354 (ए) और 384 की धाराएं भी मामले में जोड़ी गईं. दोनों पर एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था और जांच सिंह को सौंपी गई थी. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने धारा 164 (कबूलनामा और बयान दर्ज करना) के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया. डीएसपी ने कहा कि अन्य छात्रों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई अन्य पीड़ित तो नहीं है.

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