एक प्यार ऐसा भी : घर में दफना दिया शव, प्रशासन ने निकलवाया

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डिंडौरी। नगर के पुरानी डिंडौरी के वार्ड क्रमांक 14 में पत्नी की मौत के बाद शिक्षक पति ने मंगलवार को उसके शव को घर में ही दफना दिया। वार्डवासियों को पता चला तो वे भयभीत हो गए और रात में उन्होंने विरोध जताया और शिकायत की।

बुधवार दोपहर पुलिस, राजस्व और नगर परिषद के अमले ने घर से शव निकलवाना शुरू किया। पति के विरोध के बाद भी पुलिस ने सख्ती से खोदवाकर शव बाहर निकलवा लिया और नर्मदा किनारे अंतिम संस्कार करवा दिया। पति की जिद के आगे झुका परिवार बिरसा मुंडा स्टेडियम के सामने रहने वाले शिक्षक ओंकार दास मोगरे की पत्नी रुक्मिणी लंबे समय से सिकलसेल बीमारी से ग्रस्त थी।

महिला की मौत मंगलवार की सुबह अस्पताल में हो गई। स्वजन ने अंतिम संस्कार करने की तैयारियां शुरू कर दीं।

लेकिन ओंकार मोगरे ने घर के अंदर ही शव दफनाने की जिद पकड़ ली। आखिरकार शव को घर के सामने के कमरे में गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। जानकारी मिलते ही मोहल्लेवासी आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि इस घटनाक्रम से दहशत का माहौल है।

महिलाएं और बच्चे डरे हुए हैं। मोहल्ले के लोग रात में ही कलेक्ट्रेट पहुंच गए। नायब तहसीलदार हिम्मत सिंह भबेदी ने सुबह कार्रवाई करने का भरोसा दिया।

 

 

यह थी वजह शिक्षक ओंकार दास मोगरे का कहना है कि वह पत्नी से बेहद प्यार करता है। इसलिए वह चाहता था कि घर में ही दफना दिया जाए। घर में पति-पत्नी अकेले रहते थे और उनके बच्चे भी नहीं थे। हालांकि पनिका समाज में घर की बाड़ी में अंतिम संस्कार करने की परंपरा भी है।

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