नई दिल्ली। आज का दिन बहुत ही खास है। देश की सरकार 1.30 अरब जनता को नई सौंगातें देने वाली है। अर्थात् 1 फरवरी देश के बजट का दिन है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में बजट पेश कर रही हैं। यह उनका 5वां और देश का 75वां बजट है। हर तबके को मोदी सरकार 2.0 के आखिरी बजट से उम्मीदें हैं। यह इस सरकार का अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट है। ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे में उनके कुछ खास निकलेगा।
इस बार मोदी सरकार ने आखिरी बजट से काफी उम्मीदें है। खेती के नए उपकरणों के साथ सिंचाई में उपयोग जल व्यवस्था और खाद्य जैसी योजनाओं के आने का स्वागत करने के लिए किसान बेसबरी से बैठे हुए है। तो वहीं शायद पीएम किसान योजना की राशि बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है। निर्मला सीतारमण की ओर से ऐलान किया गया है कि किसानों के लिए डिजिटल ट्रेनिंग की शुरुआत की जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि मोटे अनाज को बढ़ाना देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई है। साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए स्टोर क्षमता बढ़ाएंगे। वहीं भारतीय मिलेट्स संस्थान का गठन होगा।
वित्त मंत्री के जरिए अगले एक साल के लिए मुफ्त अनाज की घोषणा की गई है। बजट 2023 में वित्त मंत्री की ओर से किसानों को कई तोहफे दिएख करोड़ रुप गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाये का पूरा खर्च केंद्र सरकार के जरिए वहन किया जा रहा है
बजट में मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बड़ी घोषणा हुई है।टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत का एलान किया गया है. अब सात लाख तक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा जो अब तक 5 लाख रुपये था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है. नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स छूट की सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है.
5 लाख से 7.50 रुपये तक इनकम पर अब केवल 5 फीसदी टैक्स देना होगा जबकि अभी 10 फीसदी टैक्स पड़ता है. नई टैक्स व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा टैक्सपेयर्स देने का एलान किया गया है.
नई इनकम टैक्स रिजिम में 2.5 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.50 से 5 लाख रुपये तक के आय 5 फीसदी टैक्स लगता है जिसमें 87ए के तहत रिबेट का प्रावधान है. 5 से 7.50 लाख रुपये के आय पर 10 फीसदी, 7.50 से 10 लाख तक के आय पर 15 फीसदी, 10 से 12.50 लाख रुपये के आय पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख तक के आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा के आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है.।