Jersey Review : शाहिद के हंसने पर आप हंसेंगे…रोने पर रोएंगे…ये फिल्म आपको ज़रूर देखनी चाहिए

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ये जर्सी पहन लो दोस्तों. इमोशन की पिच पर शाहिद कपूर ने लगाया स्टेडियम के बाहर छक्का, मृणाल ठाकुर की शानदार अदाकारी…ये जर्सी देखनी बनती है. साउथ की फिल्में इन दिनों बवाल मचा रही हैं. ऐसे में शाहिद की ‘जर्सी’ का आना जो 2019 में आई तेलुगू फिल्म ‘जर्सी’ का रीमेक है. शायद बहुत लोगों को लगे कि इसमें क्या ही नया होगा? क्यों देखें ये फिल्म? लेकिन ये जर्सी जरूर पहननी चाहिए.

कहानी :
ये कहानी है एक क्रिकेटर अर्जुन तलवार की जो लोकल क्रिकेट खेलता है और उसका सपना है टीम इंडिया में जाने का. टीम इंडिया की जर्सी पहनने का…लेकिन फिर वो अचानक क्रिकेट छोड़ देता है.नौकरी करने लगता है.फिर उसका बेटा उससे टीम इंडिया की जर्सी मांगता है, लेकिन अर्जुन के पास इतने पैसे नहीं होते कि उसे वो जर्सी दे सके. फिर क्या होता है. यही कहानी है जर्सी की. क्या वो अपने बेटे को जर्सी दे पाता है? क्या वो क्रिकेट में वापसी कर पाता है? क्या होता है उसके साथ?

एक्टिंग :
शाहिद कपूर ने अर्जुन तलवार के रोल को निभाया नहीं जिया है. हर इमोशन को शाहिद ने परफेक्शन से निभाया है.आप शाहिद के साथ रोते हैं, हंसते हैं. शाहिद जब चौके छक्के मारते हैं तो आप खुश होते हैं.इसे शाहिद के करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस कहा जा सकता है.26 साल के लड़के के रोल में भी शाहिद जमते हैं और 36 साल के शख्स के रोल में भी.शाहिद की पत्नी के किरदार में मृणाल ठाकुर लाजवाब हैं.ये उनका भी बेस्ट परफॉर्मेंस माना जाएगा.कहानी के सेंटर में भले शाहिद थे, लेकिन मृणाल अपनी शानदार एक्टिंग से अपनी मौजूदगी अच्छे से दर्ज करवाती हैं. शाहिद के बेटे के किरदार में रोनित कर्मा बहुत प्यार लगते हैं.शाहिद और उनकी बॉन्डिंग आपका दिल जीत लेती है.ये आपको हंसाते भी हैं..रुलाते भी हैं.शाहिद के कोच के रोल में पंकज कपूर कमाल के लगते हैं.शाहिद के साथ उनकी केमिस्ट्री दिल जीत लेती है.

क्यों देखें :
ये फिल्म एक क्रिकेटर का जुनून दिखाती है.जिंदगी में मुश्किल दौर में भी कुछ हासिल करने के जज्बे को दिखाती है.बाप बेटे की ऐसी बॉन्डिंग दिखाती है जो दिल को छूने वाली है. अगर आपने ओरिजनल जर्सी देखी है तो भी ये फिल्म आपको अच्छी लगेगी और नहीं देखी तो और ज्यादा अच्छी लगेगी. अगर शाहिद कपूर के फैन हैं तो उनका बेस्ट देखने के लिए जरूर देखें जर्सी, और हां ये फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ की आंधी में उड़नी नहीं चाहिए. अच्छी फिल्म है तो देख डालिए.

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