लिंग परिवर्तन अब मुफ्त में करा सकेंगे ट्रांसजेंडर, इस योजना के तहत मिल सकेंगी व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़े लोगों को अब राहत भरी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। केंद्र ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हुए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया, ट्रांसजेंडर को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक के सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। इसकी पात्रता के लिए ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र अनिवार्य है, जिसे सरकार के राष्ट्रीय पोर्टल द्वारा जारी किया जाता है।

अब परिवार की होगी नई परिभाषा

नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. मांडविया ने कहा, आयुष्मान योजना परिवारों के लिए है लेकिन यह समाज परिवार से नहीं जुड़ी है। इसलिए हमने ट्रांसजेंडर समाज को पांच लाख का बीमा देने के लिए परिवार की परिभाषा में बदलाव किया है। देश में 4.80 लाख ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं।

लिंग परिवर्तन का पैकेज हो रहा तैयार

डॉ. मांडविया ने कहा कि ट्रांसजेंडर वर्ग के लिए मौजूदा आयुष्मान भारत के साथ ही एक समग्र पैकेज तैयार किया जा रहा है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय प्रति वर्ष प्रति ट्रांसजेंडर के लिए पांच लाख रुपये का बीमा कराएगा। इसके तहत इस श्रेणी से जुड़े लोग देशभर में ऐसे किसी भी अस्पताल में उपचार करा सकेंगे जो आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के पैनल में हैं और जहां संबंधित पैकेज उपलब्ध है।

एनएचए के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि ट्रांसजेंडर को आयुष्मान भारत के मौजूदा 1200 से ज्यादा पैकेज का लाभ मिलेगा। साथ ही ये लिंग परिवर्तन भी करा सकेंगे। इससे जुड़ा स्वास्थ्य पैकेज घोषित किया जाएगा। इस पर काम चल रहा है।

आयुष्मान कार्ड पर होगा हर राज्य के योजना का लोगो

आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी कार्ड पर अब आपको केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना का लोगो भी दिखाई देगा। आयुष्मान कार्ड पर ब्रांडिंग को लेकर लंबे समय से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विवाद था, जिसे लेकर मंत्रालय ने सभी की सहमति से यह बदलाव करने का निर्णय लिया।

डॉ. मंडाविया ने बताया कि अब केंद्र और राज्य दोनों की को ब्राडिंग कार्ड पर दिखाई देगी। अभी तक 33 में से 31 राज्यों ने इस पर सहमति जताई है। इनमें से 29 राज्यों में लाभार्थियों के कार्ड पर बदलाव किया जा रहा है।

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