रायपुर के सीरियल किलर उदयन दास को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा,

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रायपुर : : राजधानी रायपुर में अबतक का सबसे बड़े और बहुचर्चित सीरियल किलिंग मामले के आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रदेश का दिल दहला देने वाले इस हत्याकांड में दोषी साबित करते हुए उदयन दास को साढे़ पांच साल तक चले ट्रायल के बाद कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हिरेंद्र सिंह टेकाम की कोर्ट में हुई। सरकारी वकील निलेश ठाकुर के मुताबिक कोर्ट ने उदयन दास को हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओ के तहत उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।

: आपको बता दें कि उदयन दास ने साल 2010 में अपने 70 वर्षीय पिता बीके दास और मां इंद्राणी दास की पैसों की लालच में हत्या कर लाश सुंदर नगर स्थित अपने ही मकान के आंगन में दफना दी थी। रायपुर के डीडीनगर थाना पुलिस को पश्चिम बंगाल पुलिस के जरिए सात साल बाद घटना की जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस ने गड्ढा खोदवाकर घर के आंगन से बीके दास तथा इंद्राणी की कंकाल को निकाला गया। दरअसल उदयन दास द्वारा अपने मां-बाप की हत्या करने की जानकारी स्थानीय पुलिस को पश्चिम बंगाल के बांकुरा पुलिस के माध्यम से पांच फरवरी 2017 को मिली थी।

बांकुरा पुलिस एक युवती की तलाश में उदयन दास से भोपाल में पूछताछ करने के लिए गई थी तब उसने पूछताछ में बताया था की जिस युवती की तलाश में पुलिस आई है वह उसकी हत्या कर भोपाल में गाड़ दिया है। पूछताछ में उदयन ने अपने मां-बाप की हत्या करने का अपराध भी कबूल किया था। हत्याकांड का खुलासा होने के एक साल बाद मामले की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जिसमें गड्डा खोदने वाले पांच मजदुरो समेत कुल 21 गवाहो की गवाही हुई। मामले की पड़ताल करने में पुलिस को तीन महीने का समय लग गया। इस वजह से पुलिस ने मामले की चार्जशीट 15 मई 2017 को कोर्ट में पेश कर पाई। उदयन को परिस्थितजन्य साक्ष्य तथा डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है।

: मामले की ट्रायल के दौरान धारा 164 के तहत कलमबद बयान कराने के बाद भी हत्यारे ने अपने मां-बाप की हत्या करने की बात से इनकार करते हुए उसे झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाते रहा। लाश आंगन में गाड़ने की वजह पूछे जाने पर उदयन ने कोर्ट में कोई उचित जवाब नहीं दे पाया। इस संबंध में वह कोर्ट में गोलमोल जवाब देते रहा। सरकारी वकील के मुताबिक उदयन ने अपने बचाव पक्ष के लिए कोर्ट में किसी तरह से कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाया।

लंबे अरसे से उदयन के मां-बाप को नहीं देखे जाने पर उसने उदयन से उसके घर जाकर इस संबंध में पूछताछ किया, तो उसने अपने पडोसी को अपने पिता के हार्ट का इलाज कराने मां के साथ जाने की जानकारी दी थी। कंकाल की पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के बयान में यह बात सामने आई है कि उदयन ने अपने मां-बाप की हत्या करने के बाद उन दोनों के चेहरे को प्लास्टिक से ढक दिया था। कंकाल मिलने की वजह से हत्या गला घोंटकर की गई है या किसी अन्य तरीके से की गई है। इस बात को डॉक्टर कोर्ट में नहीं बता पाए। गड्ढे से मिले कंकाल में दोनों के शरीर के कई जगहों की हड्डियां टूटी होने की जानकारी डॉक्टर ने कोर्ट में दी है। फिलहाल आरोपी उदयन दास पश्चिम बंगाल की बांकुरा जेल में युवती की हत्या और साक्ष्य छिपाने के आरोप में आजीवन कारावास की ही सजा काट रहा है।

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